समुन्द्र के सतह से 6718 मी उचां कैलाश पर्वत पर हिन्दु, बौद्ध और जैन धर्म के अनुयायी के लिए अत्यन्त पवीत्र है।
हिन्दु धर्म में इसे भगवान शिव का निवास माना जाता है। जो यहाँ अपनी पत्नी पार्वती के साथ रहते है। बौद्ध धर्म के अनुयायी मानते है कि परम आनंद के प्रतिक एक बुद्धिष्ठ बुद्धठीम चौक इस पर्वत के अधीष्टदाता देव है वही जैन धर्म के अनुयायी इसे अष्ठपात के नाम से जानते है जहां प्रथम तीर्थकर ऋषभदेव ने मौक्ष प्राप्त किया था।
कैलाश पर्वत जिसे शर्दा और आस्था के प्रतिक माना जाता है। यह केवल पर्वत नहीं बल्कि धर्म और आस्था का संगम है। तो आइये जानते है इसके 10 बडे रहस्यों को
कैलाश पर्वत के ये 10 बडे रहस्य, जानकर हैरान रह जायेंगे, नासा भी चौंक गया.
1. एकमात्र सफल चढाई-
हिमालय के सभी उँची चोटीयों को तो कई पर्वत आरोहीयों ने सफलता पूर्वक फतह किया है। लेकिन कैलाश पर्वत पर चढने वाले हर किसी के कदम किसी कारण थम जाते है। सर्गेई सिस्यिाकोव ने भी पर्वत की चढाई का प्रयास किया लकिन जब चोटी के करीब पहुंचें तो अचानक उनकी तबीयत बिगडने लगी और मजबूर होकर वापस लौटना पडा। तिब्बती बौद्ध साधु ने 11 वी सदी में कैलाश पर्वत के चोटी पर पहुंचने का एक मात्र सफल प्रयास किया था। वह गहन साधना और तप के बल पर इस दिव्य पर्वत पर चढाई की उनकी इस चढाई को अध्यात्मिक रूप से माना गया।
2.धरती का केन्द्र
कई धार्मीक और पौराणीक मान्यताओ के अनुसार कैलाश पर्वत वह स्थान है जहां स्वर्ग और धरती का मिलन होता है। इसे ब्रम्हाण्ड की धुरी या मेरूदंड कहा गया है। जो सम्सत जिवों और उर्जा का केन्द्र है। यह धुरी पूर विश्व को केन्द्रीत करती करती है इसी कारण इसे विश्व का केन्द्र कहा जाता है।
3. यति मानव का रहस्य- वर्षों से हिमालय के आस-पास रहने वाले लोग दावा करते है कि उन्हाने इस रहस्यमयी प्राणी को आँखो देखा है लेकिन आज तक इस बात का पूख्ता सबूत नहीं मिला कि यह वास्तव में यह कौन है। एक
विशाल भालू जंगली मानव या फिर एक प्राचीन प्राणी यहां तक ये माना जाता है कि यह लोगो पर हमला कर और उन्हे खा भी सकता है हालांकी इसका कोई सबूत नहीं मिला।
4.आसमान मे सात लाइट का चमकना
कैलाश पर्वत पर कई यात्रीयों ने दावा किया है उन्होने कैलाश पर्वत पर कई अलग-अलग रंगो कि रोशनीयाँ देखी है। ये रोशनी इतनी तेज होती है कि हर वस्तु साफ-साफ दिखाई देती है। मानो किसी अदृश्य शक्ति का प्रदर्शन हो रहा है। नाशा के वैज्ञानीको का मानना है कि हो सकता है कैलाश पर्वत के आस-पास चुम्बकीय बल आसमान क साथ मिलकर इस अदृभूत प्रकाश का निर्माण करता हो। कुछ धार्मीक और अध्यात्मिक लोग इसे दैवीय शत्कि का प्रतीक मानते है।
5. डमरू और ऊँ की आवाज
6. दो झीलों का रहस्य
कैलाश पर्वत के आधार पर स्थित दो झीलों का रहस्य। मानसरोवर और राक्षस ताल ये दोनो झीलें जो एक दुसरे के बिल्कूल पास स्थित है परन्तु स्वभव में पूरी तरह विपरीत है। मानसरोवर झील जिसे दुनीया की सबसे ऊँची मिठे पानी की झील माना जाता है जो अपने शांत और स्थिर स्वभाव के लिए प्रसीद्ध है। इसका आकार गोल है जैसे सुर्य की आकृति मानसरोवर झील को बहुत पवित्र माना जाता है। जबकि वही पास में स्थित राक्षस ताल दुनीया की सबसे ऊँचे खारे पानी की झील है। इसका खारापन इतना अधिक है कि यहाँ कोई जिवन पनप नहीं सकता यह झील हमेशा उथल पूथल में रहती है।
7. कुबेर की नगरी
पौराणीक कथाओं के अनुसार कैलाश पर्वत के पास प्राचीन धन के स्वामी कुबेर की नगरी स्थित है। मान्यता है कि जो व्यक्ति अपने जिवनकाल में अच्छे और पून्य कर्म किये होते है उसकी आत्मा को मृत्यु के बाद कलाश पर्वत पर स्थान प्राप्त होता है यही कारण है कि दुनीया के सभी पर्वतो मे से एक सबसे अद्भुत और पवीत्र माना गया है।
8. शम्भाला नगरी का रहस्य
कई लोगों का मान्यता है कि कैलाश पर्वत के भीतर एक गुप्त नगरी मौजूद हैं इस रहस्मयी नगरी का उल्लेख हिन्दु धर्म और बौद्ध धर्म में भी मिलता है जिसे शम्भाला कहा गया है। शम्भाला संस्कृत
का एक शब्द है। जिसका अर्थ है शांत जगह विष्णू पूराण के अनूसार यही वो जगह है जहाँ विष्णु के अवतार कलकी का जनम होगा ऐसा कहा जाता है कि शम्भाला को केवल वे ही देख सकते है जीनके मन पाप न हो साधु संत योगी आकर इस स्थान पर तपस्या करते है।
9. समय की गती तेजी से बढना
10. भगवान शिव की आकृति
साल 2015 में नासा ने सैटेलाइट से कैलाश पर्वत की तस्वीरें ली थी। इन तस्वीरों को देखकर नासा के वैज्ञानीक हैरान रह गये थे। तस्वीरो में कैलाश पर्वत की परछाई और भगवान शिव की आकृति दिखी थी।

