अध्यात्म से जुडी जानकारी
कामाख्या मंदिर – शक्ति, रहस्य और तांत्रिक साधना का पवित्र धाम
यह ब्लॉग कामाख्या मंदिर के इतिहास, पौराणिक कथा, वास्तुकला, अंबुबाची मेले और यात्रा-उपयोगी जानकारी का सम्यक् संग्रह है। यदि आप असम के इस शक्ति पीठ की गहराइयों और रहस्यों को समझना चाहते हैं तो यह ब्लॉग आपके लिए उपयुक्त है।
कामाख्या मंदिर असम के गुवाहाटी शहर के दक्षिणी हिस्से में स्थित नीलाचल पहाड़ी पर है। यह स्थान ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित होने के कारण न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि भौगोलिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
पौराणिक कथा और शक्ति पीठ
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सती के आत्मदाह के बाद भगवान शिव ने उनका शरीर उठाकर तांडव किया। विष्णु जी ने सुदर्शन चक्र से शरीर के टुकड़े कर दिए और जो अंग पृथ्वी पर गिरे वे शक्ति पीठ बने। कामाख्या वह स्थान है जहां देवी का योनि और गर्भाशय गिरे थे।8वीं शताब्दी में पाल वंश के राजा द्वारा निर्मित इस मंदिर का कई बार पुनर्निर्माण हुआ। 16वीं शताब्दी में कोच वंश के राजा नरा नारायण ने इसका पुनर्निर्माण कराया।
Read more"श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025: भक्तिमय कथा, पूजा-विधि और मनमोहक उत्सव" Janamasthmi
वास्तुकला और गर्भगृह
नागरा शैली और असमिया वास्तुकला का सुंदर मेल यहां देखने को मिलता है। गर्भगृह में देवी की मूर्ति नहीं बल्कि प्राकृतिक योनि-आकृति शिला है, जो एक झरने के जल से हमेशा भीगी रहती है।
अंबुबाची मेला — शक्ति का महोत्सव
जून में आयोजित इस मेले में मान्यता है कि देवी का वार्षिक मासिक धर्म होता है, जिसके कारण मंदिर तीन दिन बंद रहता है। चौथे दिन विशेष पूजा के साथ कपाट खोले जाते हैं और भक्तों को लाल कपड़ा (अंबुबाची प्रसाद) दिया जाता है।कैसे पहुंचें
रेल मार्ग: गुवाहाटी रेलवे स्टेशन से लगभग 8–10 किमी।
सड़क मार्ग: सभी प्रमुख शहरों से बस और टैक्सी सेवा उपलब्ध।
कहां ठहरें
गुवाहाटी में हर बजट के होटल, गेस्ट हाउस और धर्मशालाएं उपलब्ध हैं।
आसपास के दर्शनीय स्थल
उमानंद मंदिर
असम स्टेट म्यूजियम
पाबित्रा वन्यजीव अभयारण्य
ब्रह्मपुत्र रिवर क्रूज
निष्कर्ष
कामाख्या मंदिर आस्था, शक्ति और रहस्य का अद्वितीय संगम है। यह मंदिर तांत्रिक साधना और शक्ति उपासना के लिए विश्व प्रसिद्ध है।

.png)
